तो आज हम बात करने वाले हैं रेलवे कर्मचारियों को कौन सा तोहफा मिला है। तो चलिए शुरू करते हैं तो सबसे पहले हम आपको यह बता देंगे भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ IREF ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा था और सातवें वेतन आयोग में बोनस की मांग की थी।
जैसा कि हम सभी जानते हैं छठवें वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम वेतन ₹7000 हर महीने सभी को दिया जाता था, लेकिन 2016 के बाद न्यूनतम वेतन 18000 रुपए हर महीने निर्धारित किया गया था। इस कारण से ही केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा गया था ताकि 18000 रुपए की ही गणना की जाए और सभी को उनका हक दिया जाए।
जरूरी मांग क्या है
हम आपको भी यह बता दें कि IREF के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत सिंह ने बताया है कि छठे वेतन आयोग की मान्यता के अनुसार रेलवे कर्मचारियों को बोनस देना उचित है, न्यूनतम वेतन ₹18,000 प्रति माह के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की इस मांग को नजरअंदाज करना उनकी आत्मसम्मान और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
78 दिनों के हिसाब से 46159 रूपये
IREF ने बताया है कि साथ में वेस्टर्न के हिसाब से अगर देखा जाए तो 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस दिया जाना चाहिए, लेकिन वर्तमान में ₹7000 के मानसिक वेतन पर सिर्फ 17951 रुपए ही बोनस दिया जा रहा है। जो कि कर्मचारियों के मासिक वेतन के हिसाब से उन्हें नहीं दिया जा रहा है। रेलवे में अभी हर महीने 18000 रुपए मानसिक मूल वेतन दिया जा रहा है, और इस वेतन के हिसाब से अगर देखे तो 78 दिन का बोनस 46159 रुपए होता है।
केंद्रीय मंत्री से क्या अनुरोध है
सर्वजीत सिंह ने केंद्रीय रेल मंत्री से अनुरोध किया है कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार रेलवे कर्मचारियों को बोनस का भुगतान किया जाए। यह सभी कर्मचारियों में उत्साह और संतोष का माहौल बनाएगा, जिससे वे रेलवे के उत्पादन, संचालन और रखरखाव में अधिक ऊर्जा और समर्पण के साथ योगदान दे सकें।