यूपी जल निगम में साढ़े नौ हजार कर्मचारी और पेंशनर्स हैं जिन्हें चार महीने से वेतन और पेंशन नहीं मिला है। डिप्लोमा इंजीनियर्स पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी मिश्रा ने बताया कि जल निगम के 7142 पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स हैं, साथ ही 2342 कर्मचारी भी जिन्हें समान समय से वेतन और पेंशन नहीं मिला है। जल निगम के सहायक अभियंता पद से सेवानिवृत्त हुए प्रेमचंद्र वर्मा की ओपन हार्ट सर्जरी हुई।
आश्वासन हर बार मिलता है
एक पेंशनर नहीं खरीद पा रहा है दवा क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं, इसलिए कोई कर्मचारी अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं भर पा रहा है। हमेशा की आवश्यकताओं के लिए आश्वासन हर बार मिलता है, लेकिन सैलरी और पेंशन कभी-कभार नहीं।
एक महीने की सैलरी और पेंशन देने के बाद, कुछ महीनों तक कुछ नहीं मिलता है। वाजपेई कहते हैं कि लोगों को अपने ही पैसे के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।
कब मिलता है सैलरी
आश्वासन हर बार मिलता है, लेकिन सैलरी और पेंशन कभी-कभार नहीं। एक महीने की सैलरी और पेंशन देने के बाद, कुछ महीनों तक कुछ नहीं मिलता है। वाजपेई कहते हैं कि लोगों को अपने ही पैसे के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।
वजह क्या है
पहले जल निगम ग्रामीण और शहरी साथ-साथ काम करते थे। हर घर ने नल से जल योजना कार्यान्वित करना शुरू किया क्योंकि जल जीवन मिशन का काम तेज हो रहा था। इससे जल निगम का कार्यक्षेत्र बदल गया, ग्रामीण जल निगम अलग हो गया और शहरी जल निगम अलग काम करने लगा।
ग्रामीणों को जल जीवन मिशन के लाभ से जल निगम वेतन में कोई समस्या नहीं है। जल निगम शहरी निर्माण एजेंसी के अधीन सक्रिय है। जल निगम की आय कम हो रही है क्योंकि कामना नहीं होने की वजह से, इसलिए निगम अब बंदी कगार पर है।